कृष्ण जन्माष्टमी हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जिसका मतलब होता है कि यह त्योहार भाद्रपद मास के दूसरे पक्ष में, चंद्रमा की दूसरी आठवीं तिथि को आता है।
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन मनाया जाता है, जिन्होंने ‘भगवद गीता’ के माध्यम से मानवता के लिए महत्वपूर्ण शिक्षाएं दी थी। उनके जन्म की रात्रि को विशेष पूजा, भजन, कथा पाठ, आराधना आदि के साथ मनाई जाती है।
यह त्योहार भगवान कृष्ण के बचपन की खेल-कूद, उनके रासलीला की कथाएं और माखन चोरी की यादें ताजगी के साथ याद करने का भी एक अवसर होता है।
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान के मंदिरों में भक्तों की भीड़ जुटती है और विशेष पूजाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दिन खासकर मधुरा और वृन्दावन जैसे स्थानों पर उत्सवी रूप से मनाया जाता है, क्योंकि ये श्रीकृष्ण के जन्मस्थल हैं।
कृष्ण जन्माष्टमी का मुख्य उद्देश्य भगवान कृष्ण के जीवन और उनके दिए गए संदेशों को याद करना और उनकी आदर्शों का पालन करना है।